तुम अपने सपनों में खुश हो, हम अपने सपने में खुश हैं |
सब सपनों में खुश हैं तो क्यों, ख़ुशी... बस एक सपना है |
पूरे मन से प्रेम किया, प्रेम ने मन को पूर्ण किया |
जब मनप्रेम परिपूर्ण है तो प्रेम क्यों... एक सपना है |
विरह ह्रदय पर है भारी, तन मन वियोग से भारी है |
है आकुलता का भार पर मिलना तो, बस एक सपना है |
Thursday, July 14, 2011
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